भारतीयता पर फ़ख्र

 

         नयी उमंग और नये जोश के साथ आये इस स्वाधीनता दिवस का  समूचा भारत वर्ष अपनी बांहों को फैला कर इसका स्वागत करने के लिए तैयार है । हमारे पिछले अनुभव हमें यह अहसास दिलाते हैं कि भारत ने स्वाधीनता के बाद विश्व के अन्य विकासशील देशों के मुकाबले जिस  गंभीरता के साथ अपनी स्थिति में परिवर्तन किया है वो भारत पर फ़ख्र महसूस करने के लिए काफ़ी है । परिवर्तित परिस्थितियों के  सकारात्मक परिणाम आज बेहतर एवं अद्वितीय कीर्तिमान के रूप में सामने आ रहे हैं ।

     भारत ने स्वाधीनता प्राप्ति के बाद विभिन्न पिछड़े सामाजिक,  आर्थिक,  राजनैतिक, एवं शैक्षिक क्षेत्रों की प्रगति के लिए प्रभावी  राष्ट्रीय नीतियों का निर्माण किया । तदोपरान्त आने वाली सरकारों ने सकारात्मक राजनीति का परिचय देते हुए इन राष्ट्रीय नीतियों की समीक्षा की तथा नई राष्ट्रीय नीतियों को देश हित के लिए लागू किया। परिणामस्वरूप आज भारत की स्थिति बेहतर हुई है और  साथ ही वैश्विक स्तर पर भारत ने अपने नाम को स्थापित करने में  भी सफल रहा है । इन सब के बावजूद भी भारत की चुनौतियां अभी भी है जो देश को विकासशील देश के वर्ग में लाकर खड़ा कर देती हैं । सामाजिक, आर्थिक ,राजनैतिक, प्रशासनिक, पर्यावरणीय  एवं शैक्षिक तथा अन्य क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए  समकालीन एवं समावेशी राष्ट्रीय नीतियों के साथ ही सशक्त  क़ानून की महती आवश्यकता है । जिससे देश निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे और विभिन्न क्षेत्रों में नित रोज़ नये कीर्तिमान राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करे तथा   इसी के साथ ही भारतीयों को भारतीय मूल्यों एवं संस्कृति पर फ़ख्र करने के और भी मौके प्रदान करे।

     शुक्रिया भारत ....!!! 

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