अभिव्यक्ति की आज़ादी
आज देश बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है। और इसका कारण
अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ किया गया खिलवाड़ है। अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर आज देश
भर में अशांति का माहौल है। अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग करने वाले कैसी आज़ादी चाहते
है? ऐसी आज़ादी... जिससे हर भारतीय आहत हो, उसे मानसिक कष्ट हो, या फ़िर
देश के महान विभूतियों पर प्रश्न चिन्ह लगे...
"जो इतिहास को भूल जाता है वह कालांतर में नष्ट हो जाता है" - डॉ. अतुल कृष्ण
"जो इतिहास को भूल जाता है वह कालांतर में नष्ट हो जाता है" - डॉ. अतुल कृष्ण
जो भारत के
इतिहास को महत्त्व नहीं देता वो अभिव्यक्ति की सीमा को क्या समझेगा? ये लोकतन्त्र का देश है, और यहाँ भारत की सहिष्णुता की संस्कृति को विशेष दर्ज़ा प्राप्त है। यहाँ सब को अधिकार प्राप्त हैं, सब एक समान हैं और सब आज़ाद हैं।
यह आज़ादी देश को प्रगति और समृद्धि की राह पर आगे ले जाने के लिये है न की देश की अखंडता
को नुक़सान पहुँचने के लिये है।
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